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Showing posts from 2010

तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता हैं.......

वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ ना करे

तेरे आने की जब खबर महके

तुम को देखा तो ये ख़याल आया

मेरे दिल में तू ही तू है दिल की दवा क्या करूँ

फिर मन्दिर को कोई मीरा दीवानी दे मौला

ये तेरा घर ये मेरा घर.........

कभी यु भी तो हो ..........

बेसबब बात बढाने की ज़रूरत क्या है

जाग के काटी सारी रैना

अब मेरे पास तुम आई हो तो क्या आई हो?

जिस्म की बात नहीं थी उनके दिल तक जाना था

बेबसी जुर्म है हौसला जुर्म है........

मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे...

उसके आ जाने की उम्मीदे लिए

जिस की आँखों में कटी थी सदियाँ

बदला ना अपने आप को जो थे वही रहे

तेरी आँखों में हमने क्या देखा...

जब किसी से कोई गीला रखना

किसने भीगे हुए बालों से ये झटका पानी

ना मोहब्बत ना दोस्ती के लिए

शाम से आँख में नमी सी है

तुम बैठे हो लेकिन जाते देख रहा हूँ...... :(

मैं भुल जाऊ तुम्हे अब यही मुनासिब है

न जाने क्या था, जो कहना था आज मिल के तुझे

इक ग़ज़ल उस पे लिखूँ दिल का तकाज़ा है बहुत

Maikade Bandh Kare

चांद से फूल से या मेरी ज़ुबाँ से सुनिए

If the word gets out, it will get to far off places,

अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझको

कभी तो आसमाँ से चांद उतरे

हाँ मुझे प्यार है..... :)

यु तो गुजर रहा है

तेरे मिलने की जो दुआ ना करे......... sung by Jagjit S

कुछ ना कुछ तो जरूर होना है.......... sung by JAGIT S