मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे...
कभी खामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे
कोई जब पूछ बैठेगा खामोशी का सबब तुम से
बहोत समाझाना चाहोगे मगर समझा ना पाओगे
कभी दुनिया मुकम्मल बन के आयेगी निगाहो में
कभी मेरी कमी दुनिया की हर इक शय में पाओगे
कही पर भी रहे हम तो मोहब्बत फिर मोहब्बत है
तुम्हे हम याद आएंगे हमे तुम याद आओगे
स्वर : जगजीत सिंह
"Love is Blind"
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे
कोई जब पूछ बैठेगा खामोशी का सबब तुम से
बहोत समाझाना चाहोगे मगर समझा ना पाओगे
कभी दुनिया मुकम्मल बन के आयेगी निगाहो में
कभी मेरी कमी दुनिया की हर इक शय में पाओगे
कही पर भी रहे हम तो मोहब्बत फिर मोहब्बत है
तुम्हे हम याद आएंगे हमे तुम याद आओगे
स्वर : जगजीत सिंह
"Love is Blind"
waqt mila to apne aawaaz me aapko sunaunga behad pasand hai 24 hours men ek baar zarur gungunata hoon yah gazal!!!
ReplyDeletesaleem khan
9838659380
fir to me aapke aawaaz me ise jarur sunna chahunga
ReplyDeletemujhe bhi ye Ghazal behad pasand hai.