जाग के काटी सारी रैना


जाग के काटी सारी रैना
नैंनों में कल ओस गिरि थी
जाग के काटी सारी रैना


प्रेम की अग्नि बुझती नहीं है
बेहती नदिया रुकती नहीं है
सागर तक बेहते दो नैना
जाग के काटी सारी रैना

रूह के बंधन खुलते नहीं हैं
दाग हैं दिल के धुलते नहीं हैं
करवट करवट बांटी रैना
जाग के काटी सारी रैना

जाग के काटी सारी रैना
नैंनों में कल ओस गिरी थी
जाग के काटी सारी रैना
Lyrics by : Gulzar
Movie : Leela
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