बेबसी जुर्म है हौसला जुर्म है........
ज़िंदगी तेरी एक-एक अदा जुर्म है,
ऐ सनम तेरे बारे में कुछ सोचकर,
अपने बारे में कुछ सोचना जुर्म है,
याद रखना तुझे मेरा एक जुर्म था,
भूल जाना तुझे दूसरा जुर्म है,
क्या सितम है के तेरे हसीन शहर में,
हर तरफ़ गौर से देखना जुर्म है.
Album: Insearch
Singer: Jagjit Singh
Lyricist: Late Ayaz Jhansvi sa'ab
Lyricist: Late Ayaz Jhansvi sa'ab
ReplyDeleteSorry for late reply
DeleteMany thanks to you