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आज मैंने अपना फिर सौदा किया

चांद से फूल से या मेरी ज़ुबाँ से सुनिए

ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो

अब अगर आओ तो जाने के लिए मत आना

सच ये है बेकार हमें ग़म होता है